अंगशुद्धि : साँसों का संचालन और सूर्य नमस्कार | . Anga Suddhi : Use of Breath and Suryanamaskar
गुरु पाली चन्द्रा इस पाठ में सांसों के संतुलन के ऊपर बात कर रहीं है । साँसों का नृत्य के प्रदर्शन में क्या महत्व है इसके बारे में वह अपनी शिष्याओं को विभिन्न प्रकार की तकनीकियों का प्रयोग करना सिखा रही हैं । सही संचालन अंग का तभी हो सकता है जब साँसों का संतुलन बना रहे । इस से अंग संचालन और आंगिक अभिनय खूबसूरत बनता है ।
चाल व्याख्यान | कथक में चालों के महत्व को समझना | Chaals Explanation for Beginners
सम व्याख्यान - कथक में सम की महत्व को समझना | Understanding the Importance of Sum in Kathak
सम प्रदर्शन शिष्यों के साथ | Sums Demonstration with the Students
दुगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल
हस्तकों का व्याख्यान और प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक शिष्य और शिष्याओं के लिए पाठ 2