पड़हन्त के परिभाषा और उसे लिखने का अंदाज़ | Padhant
गुरु पाली चन्द्रा हमें पड़हन्त के आकार जिससे कि उसे लिखना और पढना आसान हो जाये । ये कला इस पाठ में समझा रहीं है । ताल को लिखना उसकी लिपि को समझना और उसके आकार को अपने ज़ेहन में उतारना अत्यन्त आवश्यक है । यह वो पाठ है जहां की कथक को लिखित अंदाज़ में देखने की यात्रा आरंभ हो रही है ।
गुरु वंदना व्याख्यान क्रम से (पाठ १) | कथक में गुरु वंदना श्लोक का विस्तृत विवरण|
परिभाषा और नोटेशन - आलिंगन की आमद | Aalingan Ki Amad Definition and notation
नाट्य क्रम: व्याख्यान - नाट्य शास्त्र का एक श्लोक - यदो हस्त ततो दृष्टि । Natya Kramaha Explanation
रंगमंच का टुकड़ा प्रदर्शन संगीत के साथ | Showcasing Rangmanch ka tukra in Kathak with Music
आमद परिभाषा और नोटेशन | Amad Definition and notation