चौगुन का प्रदर्शन और व्याख्यान - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल
इस हफ्ते गुरु पाली चन्द्रा आपको चौगुन के बारे में समझायेंगी । किस प्रकार एक मात्रा में चार बोलों का बराबर से विभाजित होकर एक ही मात्रा में आ जाना कैसे किया जाता है, देखें । इस वक्त लय को कायम रखना आवश्यक है । इसे सीखना, समझना और इसका रियाज़ करना भी बेहत ज़रूरी है । किस प्रकार तत्कार का रूप बदलता जा रहा है । लय के साथ बोलों का बढना और घटना समझदारी का खेल है । देखें।
गुरु वंदना शोलक और उसके मायने
अंग शुद्धि सांस और उसके साथ झूम का कथक में उपयोग । Anga Suddhi Breath and Jhoom
कथक का रियाज़ - तत्कार के शूरूवात के सात | तत्कार का इस्तमाल दिल के धड़कन को तेज़ करने के लिए।
हस्तक या हस्त संझालन : व्याख्यान और उसकी महत्वता कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए ।
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं प्रदर्शन संगीत के साथ | Showcasing Omkara Shloka ‘Omkaram Bindu Samyuktam’ in Kathak