तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का व्याख्यान और उसका प्रदर्शन
गुरु पाली चन्द्रा अपने शिष्यों को बराबर या एगुन स्वरूप को समझाते हुए उसका प्रदर्शन भी करती है । ताल के आकार के ऊपर किस प्रकार लहरे को साथ लेकर संम पर किस तरह खूबसूरती से आया जाता है इसके बारे में आईए सीखिए इस पाठ में । लहरें के स्वरों का और ताल के बोलों का किस प्रकार साथ में शुरू होकर साथ में ही ख़तम होना संम पर किस तरा करते है इसका आनन्द उठाये इस पाठ में ।
कथक की शुरुवात शरीर के व्यायाम से करना आवश्यक है । वार्म अप और कूल डाउन के महत्व को समझना अनिवार्य है ।
तीन प्रकार के चक्कर | Three Different types of Chakkars
गुरु वंदना प्रदर्शन व्याख्यान के साथ | कथक में गुरु वंदना श्लोक के महत्व को समझना|
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ
तत्कार (तीनताल) - पैरों का काम - शिष्याओं के साथ रियाज़