हस्तकों का व्याख्यान और प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक शिष्य और शिष्याओं के लिए पाठ 2
इस पाठ में गुरु पाली चन्द्रा ने हमें ये संझाया है कि हस्त मुद्राओं की एक अपनी ही भाषा होती है । इसमें जितने नई नई शब्दों का इस्तमाल हो उतना ही खूबसूरत हमारा नृत्य हो सकता है । उन्होंने बेहत खूबसूरती से इस कला को हमतक प्रर्दशन कि साथ व्याख्यान भी किया है । हर मुद्रा को शब्दों में पिरो कर उनका चित्रों के द्वारा दिखाने की खूबसूरत कोशिश की है । इस पाठ से सभी नई छात्र और छात्राओं को अंग संझालन में आसानी होगी ।
पड़हन्त पर प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक स्तर के लिए | Padhant - Performance
गुरु वंदना व्याख्यान क्रम से (पाठ १) | कथक में गुरु वंदना श्लोक का विस्तृत विवरण|
तत्कार (तीनताल) - पैरों का काम - शिष्याओं के साथ रियाज़
हस्तकों का व्याख्यान और प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक शिष्य और शिष्याओं के लिए पाठ 2
आमद व्याख्यान और प्रदर्शन | Amad Explanation and Demonstration