पलट हस्तक - व्याख्यान और महत्वपूर्णता कथक की प्रारंभिक पाठ्य क्रम के लिए।
पलट शब्द पलटना से आता है । पलट का मतलब होता है घुमा देना । कथक में जब हम अपनी मुद्रा को अचानक घुमा देतें हैं और उसके साथ पैरों का भी इस्तामाल करते हैं तब इस मुद्रा को हम पलट कहते है । गुरु पाली चन्द्रा पलट के व्याख्यान अपने शिष्य और शिष्याओं को व्याख्यान सहीत पूर्णता से इस पाठ में समझा रहीं हैं ।
चक्करों के प्रकार: विविध प्रकार के चक्कर और उनमें इस्तमाल किया गया पैरों का काम । । Different Types of Steps
तत्कार (तीनताल) - पैरों का काम - शिष्याओं के साथ रियाज़
कथक क्या है ? कथक में घरानों का क्या महत्व है और भारत में कथक का इतिहास तथा उसकी विधियाँ किस प्रकार हुई ?
अंग शुद्धि सांस और उसके साथ झूम का कथक में उपयोग । Anga Suddhi Breath and Jhoom
चौगुन का प्रदर्शन और व्याख्यान - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल