कथक नृत्य भारत की एक विकास पूर्ण नृत्य शैलियों में से माना जाता है जिस का सम्बन्ध कथा वाचन यानी कहानी कहने की अवधारणा पर आधारित है एवं अन्य शास्त्रीय नृत्य में से अधिक स्वाभाविक, सौम्य तथा सुंदर नृत्य कला द्रव्य होता है। तेज़ी तैयारी, अंगों में लचक, नृत्य में चमक, साँसों का सटीक व धैर्य पूर्वक संचालन, कथक नृत्य की खासियत है। कथक अब मुख्य रूप से तीन अंदाज़ में प्रस्तुत की जाती हैं; शास्त्रीय, समकालीन (contemporary) एवं सूफी।